भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि व्यक्तिवादी नहीं बल्कि संगठनवादी सोच को आगे आना चाहिए। उन्होंने विधायक कार्यकर्ताओं को साफ संदेश और नसीहत भी दे डाली कि चरण वंदना करने वाले , बड़े-बड़े होर्डिंग/ पोस्टर लगाने वाले, और नारेबाजी करने वाले कार्यकर्ता नहीं, बल्कि बूथ स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ता को ही आगे बढ़ाएं । लोगों के दिलों में जो काम के आधार पर अपनी छाप छोड़ता है वही नेता कार्यकर्ता आगे बढ़ता है ।
भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत का कितना असर यहां के नेताओं पर पड़ता है वह आने वाले समय में दिखेगा। विगत कुछ वर्षों से जिस तरह चरण वंदना कर कुछ लोग आगे बढ़ रहे हैं ।कुछ विधायक /मंत्री अपने चेहतों को, जो उनकी चरण वंदना करते हैं उनकी ही सिफारिश कर संगठन और सरकार में अच्छे पदों पर बैठा देते हैं ।जबकि पुराने संगठनात्मक सोच वाले कार्यकर्ताओं का सही मूल्यांकन ना होने पर उन्हें नजरअंदाज किया जाता है ।कुछ विधायक संगठन की भी नहीं सुनते ,और वे संगठन को अपनी जेब में रखते हैं ।और मनमाने तरीके से संगठन पर दबाव बनाकर अपने चेहतों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठा देते हैं ।अभी प्रदेश में संगठन के चुनाव हो रहे हैं ऐसे में कुछ विधायकों ने तो पहले ही मंडल और जिलों में अपने अपने चाटुकारों को छः महिने पहले ही पदाधिकारी अपनी तरफ से बना दिये। मात्र घोषणा करानी रह गयी है । कुछ विधायक संगठन को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं।इसलिए वे जी हजूरी करने वाले ,और चरण वंदना करने वाले कार्यकर्ता को ही आगे कर मंडलों और जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने के लिए कमर कसे हैं ।ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक ओर पार्टी लोकतांत्रिक होने का दावा करती है पार्टी के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता चरण वंदना से करने वालों से दूरी बनाने की नसीहत दे रहे हैं ।वहीं कुछ विधायक उनकी इस नसीहत को नजर अंदाज कर रहे हैं अभी महानगर की कुछ विधानसभा को ही ले लो,जहाँ विधायकों ने अपनी विधानसभा के अंतर्गत आने वाले मंडलों में अपनी कार्यकारिणी तक बना दी।जबकि प्रदेश संगठन की तरफ से घोषित चुनाव अधिकारी की तरफ से मंडल के चुनाव को लेेेकर कोई प्रक्रिया भी नहीं अपनाई। पिछली बार भी चुनाव में विधायकों ने अपनी मनमानी कर संगठन में अपने चेलों को महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया था रही सही कसर उस समय के तत्कालीन संगठन महामंत्री संजय कुमार ने पूरी कर दी उनकी कार्यप्रणाली पर पार्टी में सवाल उठे इस समय परिस्थितियां अलग है नए संगठन मंत्री अजय कुमार एक सुलझे हुए कुशल संगठनकर्त।के रुप में जाने जाते हैं ।उनके पास काफी लंबा संगठनात्मक अनुभव है।उनकी एक परीक्षा भी है कि वह कार्यकर्ताओं की भावनाओं को देखते हुए कार्यकर्ताओं का मूल्यांकन कर प्रदेश संगठन के चुनाव निष्पक्ष करवाते हैं यह देखना बाकि है ।